यदि आप विदेश में रहते हैं या विदेश में घूमने जाते हैं तब यह आपका कर्तव्य है कि आप वहां के भारतीय दूतावास के गाइडलाइन और चेतावनी का पालन करें
कर्नाटक का छात्र नवीन खारकीव में मारा गया बेहद दुखद घटना है और सबसे दुखद बात यह कि नवीन दो दिन से भूखा था और खाना लेने के लिए लंबी लाइन में लगा था और फिर भूखे पेट मारा गया
लेकिन आप सोचिए नवीन की मौत का कौन जिम्मेदार है
आप ट्विटर पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास के पिछले 5 महीने के ट्वीट को देखिए यूक्रेन में रह रहे भारतीय छात्रों से ठीक 4 महीने पहले भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी करके कहा था कि आप सब यूक्रेन छोड़ दीजिए
फिर 15 दिन के बाद एक और दूसरी एडवाइजरी जारी किया गया उसमें छात्रों को अविलंब यूक्रेन छोड़ने को कहा गया था
1 महीने पहले एक रेड अलर्ट चेतावनी जारी किया गया था लेकिन मैं यह देखकर हैरान था कि एनडीटीवी पर यूक्रेन में रह रहे 4 छात्रों से डिबेट चल रही थी और सभी छात्रों ने यह कहा कि सिर्फ भारतीय मीडिया पैनिक फैला रही है यहां बहुत शांति है एक लड़की तो अपने बालकनी का दृश्य दिखाने लगी कि यह देखिए यहां कितनी शांति है और सभी छात्र एक सुर में भारतीय मीडिया को जिम्मेदार ठहरा रहे थे कि भारतीय मीडिया ही युद्ध का हौवा खड़ा कर रही है
युद्ध के 1 हफ्ते पहले भारतीय दूतावास ने सभी छात्रों से कहा यूक्रेन के दूरदराज कॉलेज में पढ़ने वाले सब लोग कीव आ जाए और यहां से हम फ्लाइट का इंतजाम करेंगे और सब के सब यूक्रेन छोड़ दें
अफसोस जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तब जाकर भारतीय छात्रों को लगा कि सच में लड़ाई होगी
यदि आप विदेश में रहते हैं या विदेश में घूमने जाते हैं तब यह आपका कर्तव्य है कि आप वहां के भारतीय दूतावास के गाइडलाइन और चेतावनी का पालन करें
लेकिन मैं यह देखकर आश्चर्यचकित हूं कि भारतीय छात्र की दुखद मौत के लिए कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी मोदी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं
नवीन के मौत के लिए जिम्मेदार सिर्फ दो व्यक्ति हैं खुद नवीन और नवीन के माता-पिता
नवीन के माता-पिता इसलिए जिम्मेदार हैं कि उन्हें दूतावास की चेतावनी देख कर स्थिति की गम्भीरता का एहसास होना चाहिए था, उसे वापस बुला लेना चाहिए था
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